Tuesday, 31 January 2012

सन्नाटे की खोज...



"कभी उस बेबस फैले हुये सन्नाटे मे, पूरा शहर सोता था,
उस चैन की नीद मे सुकून होती थी...
आज वही शहर सुकून की तलाश करता है,
नीद की गोलियो मे !"