Tuesday, 23 October 2012
Sunday, 22 July 2012
एक सोच
एक सोच चली उस खोज में
जिस खोज की न थी कोई थाह
टेढ़े - मेढ़े रास्तों से
उबड़ -खाबड़ रास्तों से
बढती गयी , चलती गयी
बढती गयी , चलती गयी
आगे एक मोड़ पर, पड़ गयी सोच में ,वह एक सोच
शांतचित , असमंजस
पड़ी रही सोच में
उस लम्बे रस्ते पर
न कोई था राहगीर
न कोई पहिया गुजरती
न कोई पदचिन्ह
पड़ी रही वह सोच में, किसी की खोज में
कोई तो आये , दिशा दिखाए
ले चले उस खोज तक
जिसकी खोज थी उस सोच को
समय का चक्र घूमा ,
सरसराहट बढ़ी
बावरा हवा का एक झोका
मस्त गगन से निचे उतरा
बावरे को देख सोच मचली ,
उसकी आगोश में सिमटी
निकल गयी अपनी खोज में!
बावरे का साथ था
हाथो में उसके हाथ था,
सब कुछ स्पष्ट , दृष्टिगोचर था ,
लक्ष्यहीनता ख़त्म हुयी
एक सुबह की शुरुआत हुयी
मिल गयी उस सोच को वह खोज
जिस खोज में कभी निकली थी वह एक सोच !!
Sunday, 5 February 2012
...with Silence!
Silence
Love
with silence,
Care
with silence,
Trust
with silence,
Belief
with silence,
Think
with silence,
Learn
with silence,
Grow
with silence,
Express
with silence,
Live
with silence,
Be
friends with silence,
For
most of the times Silence says it all...it’s eternal.
Tuesday, 31 January 2012
सन्नाटे की खोज...
"कभी उस बेबस फैले हुये सन्नाटे मे, पूरा शहर सोता था,
उस चैन की नीद
मे सुकून होती थी...
आज वही शहर
सुकून की तलाश करता है,
नीद की गोलियो मे !"
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